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Karwa Chauth Katha 2024 : पढ़ें यह कथा करवा चौथ व्रत पर, रिश्तों में आएगी मिठास

Karwa Chauth Katha 2024 : पढ़ें यह कथा करवा चौथ व्रत पर, रिश्तों में आएगी मिठास

Karwa Chauth Katha 2024 : करवा चौथ व्रत पर पढ़ें यह कथा, जो पति की लंबी आयु और रिश्तों में मिठास लाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

Karwa Chauth Katha: करवा चौथ का महत्व और पूजा विधि

करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि वे अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागिनें सोलह श्रृंगार करती हैं और निर्जला व्रत रखकर करवा माता की पूजा करती हैं। करवा चौथ व्रत की धार्मिक मान्यता है कि इससे पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास आती है और उनके जीवन में समृद्धि बनी रहती है। इस शुभ दिन पर करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Ki Katha) का पाठ करना बहुत जरूरी माना जाता है, ताकि साधक को शुभ फल प्राप्त हो।

सुहागिन और अविवाहित लड़कियों के लिए विशेष महत्व

करवा चौथ व्रत केवल विवाहित महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि अविवाहित लड़कियों के लिए भी खास महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो महिलाएं विधिपूर्वक यह व्रत करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अविवाहित लड़कियों के लिए भी इस व्रत का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे करने से उनके विवाह के योग बनते हैं। इस व्रत के जरिए न केवल पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास आती है, बल्कि घर-परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है।

करवा चौथ व्रत की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक ब्राह्मण की बेटी वीरावती ने अपने मायके में करवा चौथ का व्रत किया था। उसने दिन भर अन्न और जल का त्याग किया, जिससे उसे अत्यधिक कमजोरी महसूस होने लगी। उसकी हालत देखकर भाइयों ने छलपूर्वक गांव के बाहर वटवृक्ष पर लालटेन जलाकर कहा कि चंद्रमा निकल आया है और उसे अर्घ्य देने को कहा। अर्घ्य देने के बाद वीरावती ने भोजन करना शुरू किया, लेकिन पहले कौर में बाल निकला, दूसरे कौर में छींक आई और तीसरे कौर में उसके ससुराल से बुलावा आया कि उसके पति की मृत्यु हो गई है।

वीरावती इस बात से अत्यधिक दुखी हो गई और बिलख-बिलख कर रोने लगी। तभी इंद्राणी ने उसे इस व्रत को विधिपूर्वक करने का सुझाव दिया। वीरावती ने करवा चौथ का व्रत विधिपूर्वक किया, जिससे उसके पति को पुनः जीवन मिला। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं।

करवा चौथ 2024 शुभ मुहूर्त

  • व्रत का समय: सुबह 06:34 बजे से शाम 07:22 बजे तक
  • पूजा मुहूर्त: शाम 05:47 बजे से 07:04 बजे तक
  • चंद्रोदय का समय: शाम 07:22 बजे

करवा चौथ व्रत का यह शुभ मुहूर्त पूजा और अर्घ्य के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है। इस दिन सही विधि से व्रत और पूजा करने से पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में मिठास आती है।

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